श्लोक
देवादिदेवहि मानती अवतार गुरुसी पूजती |
पंथादि अणि धर्मादिही गुरुदेव हा सन्मानिती |
नच व्यक्ति, श्रीगुरुशक्ति ही गुरुदेवमंडळ स्थापना |
उठ आर्वपुत्रा ! झडकरी, कर सामुदायिक प्रार्थना ।
श्लोक
देवादिदेवहि मानती अवतार गुरुसी पूजती |
पंथादि अणि धर्मादिही गुरुदेव हा सन्मानिती |
नच व्यक्ति, श्रीगुरुशक्ति ही गुरुदेवमंडळ स्थापना |
उठ आर्वपुत्रा ! झडकरी, कर सामुदायिक प्रार्थना ।